नौ नारायण मंदिर


पुरुषोत्तम मास में जहाँ दान धर्म आदि करने का उल्लेख पुराणों में किया गया है वहीं विभिन्न यात्राएँ भी इसी माह में होती है। नौ नारायण यात्रा प्रमुख है। नौ नारायणों के दर्शन करने से नौ ग्रहों की शांति हो जाती है। इनकी पंचोपचार पूजा करना चाहिए। पूजा या यात्रा के साथ दान का भी महत्व शास्त्रों में बताया गया है। नौ नारायण भगवान विष्णु के दशावतारों के विभिन्न स्वरूप हैं। ये नौ स्वरूप उज्जैन में ही विराजित है।


1.अनंतनारायण: अनंतपेठ स्थित अनंतनारायण मंदिर 300 वर्ष से अधिक पुराना है। यहाँ अधिक मास के अलावा हरियाली अमावस्या तथा अनंत चतुर्दशी पर पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इनकी पूजा करने से अनंत सुख मिलता है। 


2.सत्यनारायण:सत्यनारायण मंदिर ढाबा रोड पर है। लगभग 200 साल पुराने इस मंदिर में प्रतिदिन ही श्रद्घालु दर्शनों के लिए पहुँचते हैं। सत्यनारायण के दर्शन करने या यहाँ कथा श्रवण करने से सुख समृद्घि की कामना पूर्ण होती है।


3.पुरुषोत्तमनारायण: पुरुषोत्तमनारायण मंदिर हरसिद्धि मंदिर के पास लीला पुरुषोत्तम, गोला मंडी में अग्रवाल धर्मषाला के सामने और क्षीरसागर के घाट पर स्थित है। करीब 200 वर्ष इस पुराने मंदिर में पुरुषोत्तममास के दौरान श्रद्घालुओं का ताँता लगा रहेगा। यहाँ के दर्शन व पूजा करने से हर प्रकार की मनोकामनाओं की प्राप्ति होती है। 



4.आदिनारायण:सेंट्रल कोतवाली के समक्ष स्थित आदिनारायण मंदिर में दर्शन या पूजा करने से समस्त दुःखों का नाश होता है। मंदिर काफी पुराना है। 

5.शेषनारायण:शेषनारायण मंदिर क्षीरसागर परिक्षेत्र में स्थित है । लगभग पाँच सौ वर्ष पुराने इस मंदिर में भगवान विष्णु शेषनाग पर विश्राम कर रहे हैं। सामने बैठी माता लक्ष्मी उनके चरण दबा रही है। यहाँ अद्भुत स्वरूप के दर्शन होते हैं। 


6.पद्मनारायण:पद्मनारायण मंदिर भी क्षीरसागर पर ही है। इस प्राचीन मंदिर में भगवान विष्णु का स्वरूप निराला है। यहाँ की यात्रा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। 


7.लक्ष्मीनारायण: लक्ष्मीनारायण मंदिर गुदरी चौराहा में स्थित है । कहा जाता है कि यहाँ नियमित दर्शन या आराधना करने वाले व्यक्ति को किसी बात की कमी नहीं रहती है। मूर्ति चमत्कारी है।

8.बद्रीनारायण: बक्षी बाजार में बद्रीनारायण मंदिर है। यह मंदिर भी काफी पुराना है। नौ नारायण की यात्रा करने वाले यात्री यहाँ पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद ग्रहण करते हैं। 

9.चतुर्भुजनारायण: चतुर्भुजनारायण मंदिर भी ढाबा रोड (हाड़ा गुरू के मकान व मुंषी राजा के बाड़े में गोलामंडी) पर ही है। इस प्राचीन मंदिर में भी नौ नारायण करने वाले यात्रियों की संख्या कम नहीं होगी। इनके दर्शन करने से चारों तरफ ख्याति मिलती है। 


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